Farmer's letter to PM
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HandsomeDon
2015/10/26 08:54
मा• श्री नरेन्द्र मोदी ( प्रधानमंत्री) भारत सरकार, मा• श्री मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार, 👳📝 एक किसान का खुला पत्र श्रीमान जी मैं एक छोटा सा किसान हूं जब आप प्रचार कर रहे थे ,तब आपने किसान हित मे बहुत सारी घोषणाये की थी मैने और मेरे परिवार ने आपके अंदर एक किसान हितेषी राजनेता का चेहरा देखा था ओर मेने ही नही सभी किसान भाईयो ने मिलकर आपको प्रचंड बहुमत दिया है आज मे परेशानी मे हूॅ वर्षा कम होने से धान की पैदाबार कम हुई साथ ही मेरी धान को 1000 रु से 1500 रु प्रति किंव्• ही खरीदा जा रहा है।ग्वार भी 2500 से3000 रु प्रति किंव् लिया जा रहा है।मैं अत्यन्त्य घाटे मे पहुंच गया हूँ पर कर्म करना मेरा धर्म है ऐसा सोचकर मेने साहूकारो व्यापारियो ओर बैको से कर्ज लेकर कपास की फसल बो दी थी फसल अच्छी थी ।लेकिन सफेद मच्छर और कम बारिश के कारण कपास की फसल में बहुत नुकसान हुआ।मैने पांच एकड़ मे कपास की खेती की थी जिसमे 5 किं•कपास हुई है। मै आपको क्रम अनुसार मेरी लागत का विवरण देता हूं । कपास का ख़र्चा प्रति एकड़ बीज~(1000×3)=3000 डीएपी ~(1250×2)=2500 यूरिया~(300×2)=600 ज़िंक ~(300×1)=300 ग्रामोक्सोम् (450×1)=450 खरपतवार नाशक ट्रेक्टर द्वारा खेत की जुताई 1000 ट्रेक्टर द्वारा बुवाई 400 निराई गुड़ाई 1500 10 स्प्रे ट्रेक्टर द्वारा=5000, पानी दिया 4 बार =5000
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HandsomeDon
2015/10/26 08:55
एक आदमी जो खेत मे पानी देने स्प्रे करता है उसे चार महीने मे देता तो ज्यादा पड़ता है।पर आप के द्वारा जो भाव निर्धारित है 4000 रु जिससे 5 एकड़ में मेरी फसल हुई 20000 रु की। मेरी लागत हुई 20000×5=100000जिसमे मेरी व् मेरे परिवार की मेहनत छोड़ दी है । इसमे मुझ80000 रु का घाटा है अब आप मेरे आंसुओ को देखते हुये बताईये की क्या कृषि कर्मण पुरुस्कार आपको किसकी मेहनत के कारण मिला था कृषि मे कई समस्याये है मेरे बच्चे परिवार का भरण पोषण इस विषम परिस्थिति मे कैसे होगा ।आप कृषि को लाभ का धन्धा बताने की घोषणाये करके क्या साबित करना चाहते हो इस पत्र मे जो बाते लिखी गई है बह बिलकुल तथ्यो के अनुसार लिखी गई है आप जब चाहे हम किसान सभी तथ्यो के साथ आपके समक्ष उपस्थित हो जायेगे। आप से हम यह दर्द बताकर भीख नही मांगना चाहते. हमे बस हमारी फसल का उचित लागत मूल्य चाहिये यह निवेदन ओर प्रार्थना है अन्त मे एक संदेश,
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HandsomeDon
2015/10/26 08:56
जब तक दुखी किसान रहेगा धरती पर तूफान रहेगा ।। माननीय मोदीजी धान का भाव पिछले से पिछले साल 3500 रु था पिछले साल 3000 रु की वद्धि की थी ओर इस बार आपने 1000 रु कम कर दिए.... अगर कर्मचारियों की सैलेरी मे एक साल 1000 रु बड़ा दी जाये और आने वाले साल में सिर्फ 500 रु कम कर दिए तो......क्या होगा पता है.......देश मे हड़तालें हो जायेगी... ताल बंदी होगी ....आपके पुतले जलाये जायेंगे ये लोग आपको निकम्मे कहेगे...... देश का किसान आपको कुछ नही कह रहा है....ये हमारी बेवकूफी नही है भोलापन है।....एक तो सारी फसल कम हुई है और ऊपर से आप भाव भी कम दे रहे हो कुछ तो रहेम करो। जिस दिन हमारा सब्र का बाँध टूटेगा उस उस दिन आप को पता चलेगा......
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